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पूरे विश्व के साथ-साथ देश मे भी लैक्टोज न पचने (एलआई) की समस्या बहुत आम बात है जबकि हमारे देश को अक्सर दुग्धशाला भी कहा जाता है। एक तिहाई से अधिक भारतीय लैक्टेज की कमी की समस्या से पीड़ित हैं।

लैक्टोज नामक दूध शर्करा को पचाने में असमर्थता, पेट में लैक्टेज नामक एंजाइम की अपर्याप्त मात्रा के कारण होती है। लैक्टेज की कमी के कारण लैक्टोज का कुपाचन होता है, जिसके कारण पेट में दर्द, सूजन, आंतों में गुड़गुड़ाहट, गैस, जी मचलना, उल्टी और डायरिया जैसे विभिन्न जीआई लक्षणों के साथ लैक्टोज न पचने की समस्या उत्पन्न होती है।

कभी-कभी, पूरी तरह से दूध से बने दुग्ध उत्पादों के अलावा, लैक्टोज कई तैयार खाद्य पदार्थों (जिनमें दुग्ध सामग्री शामिल की गयी होती है) और पेय पदार्थों में भी उपस्थित हो सकता है, तथा इसका परिणाम एलआई होता है। लैक्टोज न पचने के प्राकृतिक और सुरक्षित उपाय के लिए भारत में पहली बार यामू टैबलेट्स (लैक्टेज एंजाइम च्यूएबल टैबलेट) को पेश किया गया है, जो लैक्टोज को तोड़ने में मदद करती है, और इस तरह लैक्टोज न पचने की समस्या को दूर करने में सहायक होती हैं।

 

लैक्टेज एंजाइम टैबलेट्स

लैक्टेज च्यूएबल टैबलेट्स एक आहार सप्लीमेंट हैं जो दुग्ध खाद्य पदार्थों को स्वाभाविक रूप से अधिक सुपाच्य बना देता है। लैक्टेज च्यूएबल टैबलेट्स में प्राकृतिक एंजाइम लैक्टेज होता है जो कि एस्पेरजिलस ओरीज़ा कवक से प्राप्त होता है तथा दुग्ध खाद्य पदार्थों में पाई जाने वाली जटिल शर्करा, लैक्टोज को तोड़ने में मदद करता है।

संरचना: प्रत्येक यामू च्यूएबल टैबलेट में यह उपस्थित होता हैं: लैक्टेस: 4500 एफसीसी यूनिट

उपयोग के लिए निर्देश: दुग्ध (लैक्टोज) वाले भोजन / पेय के पहले बाइट / घूंट से तुरंत पहले या उसके साथ 1-2 गोलियां। निगलने से पहले अच्छी तरह चबायें। यदि आप 20 से 45 मिनट के बाद दुग्ध वाले खाद्य पदार्थ / पेय का उपभोग करते हैं, तो दूसरी टैबलेट ले लें। यदि टैबलेट खाना याद नही रहा है, तो तुरंत खायें।

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