विविध दुग्ध उत्पाद भारत में ही बनते हैं और ये भारतीय व्यंजनों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं।दैनिक भारतीय आहार में लैक्टोज की एक प्रमुख भूमिका होती है।लैक्टोज की मात्रा व्यंजन बनाने में प्रयुक्त दूध या दुग्ध उत्पाद की मात्रा पर निर्भर करती है

दाल मखनी

गाजर हलवा

दूध चावल की खीर

फ़िरनी डिश

आइसक्रीम

फैट रहित सूखा दूध पाउडर

मीठा कंडेन्स्ड मिल्क

वाष्पीकृत दूध

1 कप दूध

दही

भारतीय मिठाई जैसे दूध की बर्फी

चाय और कॉफी
लैक्टोज के छिपे हुए स्रोत
कभी-कभी, पूरी तरह से दूध से बनेदुग्ध उत्पादों के अलावा, लैक्टोज कई तैयार खाद्य पदार्थों (जिनमेंदुग्ध सामग्री शामिल की गयी होती है)और पेय पदार्थों में भी उपस्थित हो सकता है,तथा इसका परिणाम एलआईहोता है। कई रोगियों को यह पता ही नहीं होता है कि कुछ खाद्य पदार्थों में लैक्टोजहो सकता है, जिसके कारण उन्हें लैक्टोज न पचने की समस्या का सामना करना पड़ता है।
- क्रीम सेबने खाद्य पदार्थ जैसे मिक्स सब्जियां, पनीर की डिशें और ऐसे ही क्रीम से बनेअन्य व्यंजन
- रोटी और अन्य बेक की हुई चीज़ें
- प्रोसेस्ड नाश्ता सीरियल्स
- इंस्टेंट आलू, सूप, और नाश्ते के पेय पदार्थ
- लंच मीट
- सलाद ड्रेसिंग
- कैंडीज और कुछ स्नैक फूड
- पैनकेक, बिस्किट, और कुकी मिक्स
- पाउडर भोजन रिप्लेसमेंट्स
- प्रोसेस्ड मीट
- क्रीमदार सूप
- ब्रेड मीट
- चॉकलेट कैंडीज, पहले से तैयार केक और स्वीट रोल्स
- पाउडर कॉफी क्रीमर
- हॉट चॉकलेट मिक्स
- नकली डेयरी उत्पाद
- पार्टी डिप्स
- क्रीम
- सॉस एवं ग्रेवीज
दूध और डायरी उत्पादों को लाई मरीजों में दुष्प्रभावों को रोकने के लिए, यमू टैबलेट्स को भारत में पहली बार लॉन्च किया गया है। यामू गोलियाँ लैक्टस एंजाइम की कमी से होने वाले लक्षणों को प्रबंधित करने के लिए एक स्वाभाविक और सुरक्षित तरीका है।